


मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) संगठन के भीतर एक बार फिर बड़ा फेरबदल होने की संभावना है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में पार्टी जल्द ही नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा करने वाली है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा संगठन को पुनर्गठित करने और आगामी चुनावों के मद्देनज़र नए, युवा और सक्रिय चेहरों को प्राथमिकता देने की तैयारी चल रही है।
सांसद-विधायकों को संगठन से बाहर का रास्ता!
पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रदेश कार्यकारिणी से मौजूदा सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को बाहर किया जा सकता है। संगठन का मानना है कि जनप्रतिनिधियों को सरकार और संगठन दोनों में जिम्मेदारी देना व्यवहारिक नहीं है। इस बार कार्यसमिति में केवल पूर्णकालिक संगठन कार्यकर्ताओं और अनुभवी नेताओं को शामिल करने की योजना है।
जिला और मोर्चा स्तर पर भी बड़ा बदलाव
प्रदेश के सभी जिलों में जल्द ही जिला कार्यकारिणी और मोर्चा संगठन की घोषणा भी की जाएगी। प्रत्येक दो जिलों के लिए एक वरिष्ठ नेता को पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा, जो योग्य कार्यकर्ताओं की पहचान कर उनके नामों की सिफारिश करेंगे।
निगम-मंडलों में नियुक्तियों की भी तैयारी
प्रदेश में लगभग 40 से अधिक निगम-मंडल, आयोग और बोर्ड हैं, जिनमें नई राजनीतिक नियुक्तियां जल्द होने की उम्मीद है। विधानसभा के मानसून सत्र के बाद इन नियुक्तियों की घोषणा संभव है। संभावित नामों में पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया, उम्मा शंकर गुप्ता, अरविंद भदौरिया और सिंधिया गुट के कुछ नेता शामिल हो सकते हैं।
केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी के बाद ऐलान
प्रदेश संगठन ने नई कार्यकारिणी के नामों की सूची को अंतिम रूप दे दिया है और अब इसे केंद्रीय नेतृत्व की स्वीकृति का इंतज़ार है। माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह की सहमति मिलते ही औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।